Today is international women's day, I have written a few lines on it. These lines are dedicated to all women of the world .
सृजनकर्ता
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हे विश्व की सृजनकर्ता
तू आज फिर मुखर हो जा
खुलकर तू सामनें आ
विश्व को फिर से दिखा
विद्धोत्मा सा वौद्ध तुझमें
सीता सी है सहनशीलता
त्याग में तू उर्मिला सी
ममता का तू है दिया
हे विश्व की--------
तेज़ तुझमें द्रौपदी सा
करूणामयी तू यशोधरा
विश्व को एहसास करा
तुझसे है ये विश्व सारा
यग्य की आहुति बनकर
उदंडता का नाश कर जा
हे विश्व की सृजनकर्ता
तू आज फिर मुखर हो जा ।
-- वंदना सिंह
( कापीराईट सुरक्षित )
सृजनकर्ता
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हे विश्व की सृजनकर्ता
तू आज फिर मुखर हो जा
खुलकर तू सामनें आ
विश्व को फिर से दिखा
विद्धोत्मा सा वौद्ध तुझमें
सीता सी है सहनशीलता
त्याग में तू उर्मिला सी
ममता का तू है दिया
हे विश्व की--------
तेज़ तुझमें द्रौपदी सा
करूणामयी तू यशोधरा
विश्व को एहसास करा
तुझसे है ये विश्व सारा
यग्य की आहुति बनकर
उदंडता का नाश कर जा
हे विश्व की सृजनकर्ता
तू आज फिर मुखर हो जा ।
-- वंदना सिंह
( कापीराईट सुरक्षित )
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