Sunday 29 January 2017

बिग बास 10 विजेता ???

बिग बास  10 एक एेसा रियलिटी शो है जो कि विवादों से ही शुरू होता है । लड़ाई झगड़ा इस शो का मुख्य फार्मेट है । इसके प्रतिभागी भिन्न भिन्न क्षेत्रों से आते हैं किन्तु इस बार इण्डिया वाले के नाम से अपराधी, परिष्कृत , फूहड़ , लोगों को मौक़ा दिया गया जिन्होंने पूरे देश के आम आदमी को रिप्रजेन्ट किया जो कि पूर्णत: अनुचित था ,क्या ऐसे लोगों की संख्या देश मे ज्यादा जो उन्हे मौक़ा दिया गया देश को बदनाम करने के लिए क्योंकि टी वी प्रोग्राम पूरी दुनियाँ में देखे जाते है । बिग बास को पता था कि स्वामी ओम कैसा व्यक्ति है ऐसे गिरे हुए इंसान को पूरे देश को रिप्रजेन्ट करने का मौक़ा बिग बास कैसे दे सकते हैं ? उसका चयन बिल्कुल ही गलत था , वही प्रियंका जग्गा जो कि एक अनकल्चर्ड महिला थी उसको भी शो में लाकर प्रदर्शित किया कि ये एक विवादों से घिरा रहने वाला शो है । इन्हीं कुछ गिने चुने इण्डिया वालों की वजह से सेलेब्रिटीज़ ने शो में अपना एफर्ट नहीं लगाया । बिग बास को चाहिए कि एक बार केवल इण्डिया बालों को ही मौक़ा दें और देखे कि कितनी TRP शो को मिलती है ? सोचने की बात है कि एेसे गाँव देहात के लोगों को जिन्हें बोलने ,उठने ,बैठने, की तमीज़ नहीं है उनके रहन सहन को उनके विचारों को कोई क्यूँ देखेगा ?? बिग बास ने शुरू से ही मनवीर पर फ़ोकस किया है , हर मेहमान से पूछा जाता है तुम्हे कौन पसंद है और उसे बता दिया जाता है कि वो मनवीर का नाम ले ताकि जनता धीरे धीरे मनवीर की तरफ झुके जबकि मनवीर इस शो में लोपा, रोशन व बानी के मुक़ाबले कहीं स्टैंड नहीं करता । उसने हमेशा पक्षपात का रवैया रखा जब भी उसे मौक़ा मिला उसने पक्षपात करके इण्डिया वालों का पक्ष लिया जबकि लोपा रोहन सदैव फ़ेयर खेले । बिग बास चाहते है मनवीर को जिताना आज शाम देखना दिलचस्प होगा ?

Saturday 28 January 2017

नोटबंदी

पिछले वर्ष २०१६ में सबसे ज्यादा चर्चा का विषय रहा  " नोटबंदी "  ,जी हाँ यह वो साहसिक क़दम था जिसको लेना सरकार के लिए आसान न था, किंतु लिया गया .....देश हित के लिए , समाज हित के लिए , भारत के भविष्य के लिए ताकि भारत से भ्रष्टाचार रूपी दानव का संहार किया जा सके । ये इतना आसान भी नहीं है ,कुछ-कुछ रक्तबीज दैत्य जैसा है जिसकी एक भी बूँद ज़मीन पर पड़ते ही वैसे ही असंख्य दानव पैदा हो जाते हैं , इसलिए इसे समूल नष्ट करना आवश्यक है । सरकार के इस फ़ैसले से देश की जनता को असंख्य समस्याओं से जूझना पड़ा लोगों की ,सुवह से शाम लाइनों में बीतने लगी उसके बावजूद निर्धारित पैसा नहीं मिलता । जिन घरों में शादियाँ थीं उनकी स्थिति तो और भी दयनीय हो गई जो लोग पैसा निकाल चुके थे उनका वो पैसा बेकार हो गया क्यूँकि वो चलन से बाहर हो गया दूसरा निकालने के लिए जमा करेंगे तो वो बापस २४ हजार से अधिक निकाल नहीं पायेंगें ,शादी जैसे बड़े कार्य १०,२० या ५० हजार में नहीं होते ये तो सभी जानते है, हालाँकि मैंने समाचार पत्र में पढ़ा था कि जिस घर में शादी है उसका मुखिया ढाई लाख तक रूपया निकाल सकेगा किंतु लोग शादी का कार्ड लिए घूमते रहे उन्हे कोई पैसा नहीं मिला ,कोई अधिकारी किसी भी तरह की बैंक से सम्बंधित समस्या को सुनने के लिए तैयार ही नहीं था । ख़ैर ! जनता ने साहस के साथ इनका सामना किया हार नहीं मानी डटे रहे अंतत:ATM से बाहर लम्बी लाइनों का अंत हुआ, जीवन पुन: सामान्य हुआ ।
अब सवाल उठता है कि क्या नोटबंदी का वास्तव में फ़ायदा हुआ ?? क्या काला धन सामनें आया ?? क्या भ्रष्टाचार का अंत हुआ ?? लोगों ने रिश्वत लेना बंद कर दिया ?? नक़ली नोट छपने बंद हो गये ?? क्या आतंकियों पर इसका प्रभाव पड़ा ?? पेटीएम जैसी कम्पनियों ने छोटे छोटे ट्राजेंक्शन पर टैक्स लेकर ग़रीब इंसान को तंग किया । ०५ रू का सामान लेने पर ०२रू टैक्स देकर ०७रू का भुगतान करना पड़ा ,इन सब चीज़ों से ग़रीब इंसान को कैसे निजात दिलाई जाये ये सरकार को सोचना पड़ेगा । अनेकों सवाल हैं जिनका उत्तर भविष्य के गर्त में है, कि क्या नोटबंदी एक सही फ़ैसला था या नहीं ??

Thursday 26 January 2017

गणतंत्र दिवस

महारानी पद्मावती चित्तौड़ के महाराणा रत्न सिंह की पत्नी थी । वह अत्यंत खूबसूरत थी उनकी ख़ूबसूरती की चर्चा चारों तरफ थी । जब दिल्ली के शासक अलाउद्दीन ख़िलजी ने  रानी पद्मावती की सुंदरता के विषय में सुना तो वह उनको देखने के लिए बेताब हो गया , उसने अपनी इच्छा अपने मंत्रियों को बताई ,उन सब ने मिल कर एक योजना बनाई कि महाराणा रतन सिंह को मित्रता का संदेश भेजा जाय कि वह उनसे दोस्ती करना चाहते है किंतु बदले में उनकी पत्नी पद्मावती को देखना चाहेंगे । जब यह संदेश चित्तौड़ पहुँचा तो महाराणा की राजसभा में सभी ने इसका विरोध किया कि यह सम्भव नही किंतु कुछ मंत्रियों नें सुझाव दिया कि कूटनीति व राजनीति के तहत अगर उसकी मित्रता को ठुकरा दिया तो वो चित्तौड़ का शत्रु बन जायेगा जोकि राज्य हित में न होगा काफी विचार विमर्श के पश्चात यह रास्ता निकाला गया कि एक शीशा लगाया जाये और महारानी दूर से उसके सामने से निकल जायेंगीं और इस तरह ख़िलजी उन्हे देख लेगा और रानी को सामने भी नहीं आना पड़ेगा ,किंतु महारानी को इस तरह दिखाना सेनापति गोरा व उनके भतीजे बादल को स्वीकार नहीं था  और उन्होंने इसका विरोध किया ,किंतु उनकी नहीं सुनी गई जिससे वह नाराज़ हो कर सभा से चले गये । योजनानुसार रानी पद्मावती को शीशे में दिखाया गया, ख़िलजी रानी की सुंदरता को देखता ही रह गया उसनें आज तक ऐसी स्त्री नहीं देखी थी ।अब तो वह रानी को हर हाल मे हासिल करना चाहता था। उस दिन तो वह चला गया किंतु कुछ दिनों पश्चात उसनें महाराणा रतन सिंह को भोज पर बुलाया और उन्हे बंदी बना लिया इसके साथ ही एक संदेश चित्तौड़ भेजा कि यदि अपने राजा को सकुशल वापस चाहते हो तो रानी पद्मावती का डोला दिल्ली भेज दो नहीं तो तुम्हारे राणा का सर काट भेज देंगे । जब यह संदेशा चित्तौड़ पहुँचा तो राजपूतों की तलवारें खिंच गईं किंतु अब क्या किया जाये प्रश्न ये था ? महारानी पद्मावती ने गुप्तचरों को भेज कर पता लगवाया कि सेनापति गोरा कहाँ हैं ? पता चलते ही रानी वहाँ गई और सारा वृतांत सुनाया ,ये सब सुनकर सेनापति गोरा की भुजाएँ फड़कने लगीं आँखों में अंगार उतर आए और वह तत्काल महारानी के साथ महल आ गये। योजना बनाई ख़िलजी को संदेश भेजा कि रानी पद्मावती अपनी ७०० सेविकाओं के साथ आ रही है। ७०० डोली तैयार की गईं उनमें रानी व सेविकाओं की जगह वीर सैनिकों को बैठाया गया ,कहारो के भेष में सैनिक लगे इस तरह सेनापति गोरा व बादल अपनें वीर सैनिकों के साथ दिल्ली पहुँचे  ,ख़िलजी को संदेश भिजवाया कि रानी पद्मावती अपनी सेविकाओ के साथ आ गई है , किंतु उनकी शर्त है कि वह एक वार अपने पति से मिलना चाहती है उसके बाद वह ख़िलजी की सेवा में आ जायेंगीं, ख़िलजी तो यह जान कर ही वौरा गया कि रानी पद्मावती आ गई और उसने तुरंत आदेश दिया कि रानी को रतन सिंह से मिलवा दिया जाये इस तरह जब सेनापति महा राणा के सामने पहुँचे तो राणा की आँखों में आँसू आ गये और उन्होंने सेनापति गोरा को गले लगा लिया । राणा को सेनापति ने अपने कहार जोकि सैनिक थे के साथ वहाँ से बाहर निकाला किंतु ख़िलजी का सेनापति को भनक लग गई और उसने नगाड़े बज बा कर सैनिकों को सावधान किया फिर क्या था डोलियों से सैनिक निकल पड़े भयानक युद्ध हुआ जिसमें  सेनापति गोरा व बादल ने ख़िलजी की सेना को तब तक रोके रखा जब तक राणा रतन सिंह चित्तौड़ की सीमा में न पहुँच गये ,किंतु समय से समाचार न पहुँच पाने पर रानी को लगा कि योजना असफल हो गई तो उन्होंने १६००० हजार स्त्रियों के साथ जौहर ले लिया , ये अब तक का सबसे बड़ा जौहर था ।
अब प्रश्न ये है कि यदि कोई भी व्यक्ति इस गौरवशाली इतिहास के साथ छेड़छाड़ करके रानी पद्मावती को किसी मुसलमान शासक के साथ प्रेम प्रसंग दिखाये तो क्रोध आना स्वाभाविक है। यह हमारा गौरवशाली इतिहास है जहाँ वलिदान राजपूतों की परम्परा रही है, स्त्रियाँ उनका स्वाभिमान है ,उनकी आवरू हैं । उनके व्यक्तित्व के साथ छेड़छाड़ कदापि स्वीकार नहीं ।
- वंदना सिंह

Wednesday 25 January 2017

बेटी

वो पढ़ेगी वो बढ़ेगी
नहीं वो रूकेगी
क़दम से क़दम मिला
आगे ही बढ़ेगी
वो भारत की बेटी है
अब न वो झुकेगी
अपने हक के लिए
दुनियाँ से लड़ेगी
   जय हिंद !
--वंदना सिंह
"राष्ट्रीय बालिका दिवस" पर देश की समस्त बालिकाओं को समर्पित

Monday 23 January 2017

नेता जी का जन्मदिन

आज महान नायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी का जन्म दिन है । देश में कुछ हो रहा है उनको याद करके पता नही ???
इतनी उदासीनता एक राष्ट्र नायक के प्रति क्यूँ  ?
जय हिंद !

Saturday 14 January 2017

संक्रान्ति

संक्रान्ति ---
सूर्य की आराधना का दिन
ऋतु परिवर्तन का दिन
उल्लास के आरम्भ का दिन
नयी उमंग व आनंद का दिन
फ़सल की कटाई का दिन
पतंगों को उड़ाने का दिन
मौज मस्ती का दिन
सर्दी की विदाई का दिन
आज है संक्रान्ति का दिन ।

-वंदना सिंह
(कापी राईट सुरक्षित)

Monday 9 January 2017

हे काली माँ

हे जग की जग माता
शक्ति स्वरूपा दुर्गा माँ
करूणावतार विष्णुप्रिया
हे काली माँ तुझे प्रणाम !

दे दो शक्ति तुम आज मुझे
कर दूँ दुश्मन का चीर -फाड़
सुसज्जित कर अस्त्रों से मुझे
दे दे अपनी तू दृष्टि मुझे
जो कू दृष्टि नारी पर डाले
कर दूँ उसका समूल नाश
हे काली माँ तुझे प्रणाम !

चाहूँगी मैं आशीष तेरा
हर नारी के लिए आज
बन जाए वो चामुण्डा माँ
गर छुए कोई दूषित हाथ
मुण्ड -मुण्ड खण्डित कर दे
फिर न जन्में कोई चण्ड यहाँ
हे काली माँ तुझे प्रणाम !
हे जग की जग माता
शक्तिस्वरूपा दुर्गा माँ
करूणावतार विष्णुप्रिया
हे काली माँ तुझे प्रणाम !

वंदना सिंह
(कापी राईट सुरक्षित)

Sunday 1 January 2017

मेरे सभी पाठकों को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ