Thursday 14 July 2016

गुरू

"गुरू गोविंद दोऊ खड़े काके लागूँ पाँये
बलिहारी गुरू आपनें गोविंद दियों बताये"

बाकई गुरू ईश्वर से भी ऊपर है क्योंकि वही अपनें शिष्य को ईश्वर तक पहुँचने का या सही रास्ता दिखाता है। आज की इस भौतिकवादी दुनियाँ में सच्चा और अच्छा गुरू मिलना अत्यंत कठिन है,इसके लिए मैंनें एक रास्ता निकाला जोकि बहुत प्रभावशाली है । जिन लोगों को आज तक कोई योग्य गुरू न मिला हो वह सभी अपनें किसी एक ईष्ट देव को गुरू पूर्णिमा के पर्व पर गुरू बना लें ।जीवन में कोई भी परेशानी या दुविधा होने पर उनको अपनी बात बताएँ बोलकर या चाहें तो लिख कर उनके चरणों में रख दें, मुझे विश्वास है कि वह किसी न किसी प्रकार से समस्या का समाधान बताएँगे ।एेसा मैं करती हूँ और मुझे समाधान मिलता है ।

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