Saturday 9 July 2016

किस्मत

संसद में जूते चलते या जब होती हाथापाई
हाय री किस्मत तूने ये कैसी तस्बीर दिखाई
ये देश है वीर भगत का,आज़ाद और गाँधी का
उन रस्मों का कस्मों का और है उनके सपनों का
जिननें सब कुछ वार दिया तब आजादी पाई
हाय री किस्मत......
याद करो उस हमले को जब संसद थर्राई
सारे सांसद भाग गये तब संतोष सामनें आई
एेसे बुज़दिल नेताओं की नारी ने जान बचाई
हाय री किस्मत.....
जेलें भरी पड़ी है आतंकी हमलावारों से
कोई रियायत नहीं करो,तुम एेसे ग़द्दारों से
एक डाइनामाइट से कर दो सबकी बिदाई
हाय री किस्मत....
संसद में जूते चलते या जब होती हाथापाई
हाय री किस्मत तूने ये कैसी तस्वीर दिखाई

     वंदना सिंह
 (कापी राईट सुरक्षित)

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