Wednesday 1 February 2017

बसंत

बसंत
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पेड़ों ने सूखे पत्तों को
हिला हिला कर गिरा दिया
नई कोंपलों ने डालों को
देखो नव जीवन दिया
प्रस्फुटित हो रही किरणों को
सूरज ने है नया किया
नई हवाओं नई फ़िज़ाओं
ने बसंत को नव बसंत किया

मखमली व्यारों ने
मधुमास का एहसास दिया
सुगंधित हो उठा वातावरण
सूखे पेड़ों को हरा किया
जीवन को जीने के लिए
नूतन प्रेम का पाश दिया
नई हवाओं नई फ़िज़ाओं
ने बसंत को नव बसंत किया ।
-वंदना सिंह
बसंत पंचमी की सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ

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