फूलों से सीखा मैंने
देखो मुस्काना
हवाओं को पता न चले
तुम धीरे से आना
गरम है घर की छत
तुम पायल न छनकाना
हाथों की चूड़ी को
चूनर से ढक आना
हवाओं को पता न चले
तुम धीरे से आना
फूलों से सीखा मैंने
देखो मुस्काना
खिड़की पर अपनी तुम
बालों को सुलझाना
बिंदिया चमके माथे पर
लगा के काजल आना
हवाओं को पता न चले
तुम धीरे से आना
फूलों से सीखा मैने
देखो मुस्काना
लहंगा चोली चूनर
पहन के तुम आना
पायल चूड़ी बिंदी काजल
इनको भी ले आना
हवाओं को पता न चलें
तुम धीरे से आना
फूलों से सीखा मैंने
देखो मुस्काना !
-वंदना सिंह
देखो मुस्काना
हवाओं को पता न चले
तुम धीरे से आना
गरम है घर की छत
तुम पायल न छनकाना
हाथों की चूड़ी को
चूनर से ढक आना
हवाओं को पता न चले
तुम धीरे से आना
फूलों से सीखा मैंने
देखो मुस्काना
खिड़की पर अपनी तुम
बालों को सुलझाना
बिंदिया चमके माथे पर
लगा के काजल आना
हवाओं को पता न चले
तुम धीरे से आना
फूलों से सीखा मैने
देखो मुस्काना
लहंगा चोली चूनर
पहन के तुम आना
पायल चूड़ी बिंदी काजल
इनको भी ले आना
हवाओं को पता न चलें
तुम धीरे से आना
फूलों से सीखा मैंने
देखो मुस्काना !
-वंदना सिंह
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