Friday 17 February 2017

माँ कामाख्या देवी व रहस्य

माँ कामाख्या देवी का मंदिर असम की राजधानी दिसपुर के नीलांचल पर्वत पर स्थित है । यह सिद्ध मंदिर माँ शक्ति के ५१ शक्ति पीठों में से एक है।कहते हैं कि यहाँ पर माँ सती की योनि गिरी थी ( जब माता  सती ने अपने पिता के घर यग्य में अपने पति भगवान शंकर का अपमान देखा तब उन्होंने उसी यग्य में कूद कर आत्मदाह कर लिया था उसके पश्चात भगवान शंकर उनके जले हुए शरीर को लेकर पूरे ब्रह्मांड मे घूम रहे थे अशांत थे उनके दुख को दूर करने के लिए भगवान विष्णु ने अपने चक्र से माता के जले हुए शरीर को काट काट कर अलग किया था ।माता को ५१ अंगों में काट कर अलग किया गया था वो अंग जहाँ जहाँ गिरे वो शक्ति पीठ बन गये) जिस कारण इन्हें कामाख्या कहा जाता है । इस मंदिर में मूर्ति के स्थान पर एक गढ्ढा है उसी की पूजा अर्चना होती है जिससे निरंतर पानी निकलता रहता है। जिस तरह माह में स्त्रियों को मासिक धर्म आता है ठीक उसी भाँति उस गढ्ढे से भी तीन दिन लाल रंग का पानी निकलता है उस दौरान मंदिर के पट बंद रहते हैं लेकिन जब मंदिर खुलता है तो भक्त लाल रंग के पानी को देखते हैं । यह एक रहस्य है जिसको कोई नही जानता ?
जय माता की 

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