इस देश को आज फिर सुभाष चाहिए
जो बदल दे देश की बिगड़ी तकदीर को
एक हुंकार से मोड़ दे हवा की तासीर को
विश्व जिसके आगे झुकने को मजबूर हो
एेसा एक इंसान आज फिर से चाहिए
इस देश को........
जिसनें हिला कर रख दिया था इग्लैण्ड के ताज को
जय हिंद से गुंजाया था जिसनें ब्रह्माण्ड को
एेसा इक इंसान आज फिर से चाहिए
इस देश को.........
जिसनें ठुकराया था एेशो आराम को
काँटों का बिस्तर उसे फूलों सा लगता हो
मातृ भूमि की सेवा ही जिसका सर्वस्व हो
एेसा एक इंसान आज फिर से चाहिए
इस देश को आज फिर सुभाष चाहिए
वंदना सिंह
(कापी राईट सुरक्षित )
(कापी राईट सुरक्षित )
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