Thursday 10 December 2015

असहिष्षुणता ?????

कुछ लोग कह रहे हैं कि देश  में असहिष्षुणता बढ़ गई है यहाँ रहना मुश्किल हो गया है।जो लोग ये बातें कर रहे हैं वो कोई आम या साधारण लोग नहीं हैं,बड़े -बड़े साहित्यकार,बुद्धिजीवी ,जनता के आदर्श व हीरो है इन लोगों को असहिष्षुणता तब नहीं दिखाई दी,जब संसद पर आतंकियों ने हमला किया,ताज पर आक्रमण किया,मुम्बई में बम ब्लास्ट किया,मुज़फ़्फ़रनगर में घटना घटी,पंजाब जला,आसान जला,निर्भया काण्ड हुआ,इतनी दिल दहलाने वाली घटनायें हुईं तब किसी नें कोई पुरस्कार वापस नहीं किया ,किसी को माहौल ख़राब नहीं लगा ?अचानक ये असहिष्षुणता का अलाप क्यूँ  ?

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