Wednesday 9 December 2015

राजनीति देश सेवा है,व्यवसाय नहीं

राजनीति वो क्षेत्र है जिसमें समाज सेवा का आपको भरपूर अवसर मिलता है,लेकिन राजनीति समर्पण चाहती है -देश के प्रति ,प्रदेश के प्रति ,अपने शहर के प्रति ।यदि आप की प्रकृति व आचार-विचार में सेवा भाव है और आप में अपनी बात को प्रभावशाली ढंग से कहने की योग्यता है तभी आपको राजनीति में क़दम रखना चाहिये।
        राजनीति को प्रोफ़ेशन नहीं समझना चाहिये और न ही बपौती ।सेलरी सुविधायें राजनैतिक लोगों को नहीं लेनी चाहिये,इससे ये सुनिश्चित हो जायेगा कि जो सच मे देश सेवा करना चाहेंगे वही राजनीति में आयेंगे । सांसद व विधायकों  को मकान ,स्वास्थ्य सेवायें,बच्चों की पढ़ाई लिखाई व खानेपीने की वस्तुयें  सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जाये ।रिटायरमेंट की आयु भी निश्चित हो।१८ वर्ष की आयु के पश्चात ही राजनीतिक गतिविधियों में हिस्सा ले सकेंगें ।१० वर्ष तक आप जिस क्षेत्र से हैं वहाँ काम करें,उसका विवरण निर्वाचन आयोग को दे तत्पश्चात आप चुनाव में खड़े होने योग्य समझे जायें ,इससे बहुत फ़ायदे होंगें एक तो क्षेत्र की जनता आपको जानेगी समझेगी आप उनकी परेशानियों को समझ सकेंगें ,क्या-क्या समस्याएँ हैं ?आपको पहले से पता होंगीं ।२८ वरष की आयु तक शिक्षा पूरी हो जायेगी।
ग्रेजुएट होना विधायक व सांसद के लिये अनिवार्य किया जाये। गाड़ियों की जो सुविधायें नेताओं को मिलती हैं उन्हें बंद किया जाये।सरकार की तरफ़ से बड़ी बसें चलाई जाये जोकि मंत्रियों को उनके आवास से लायें,इससे संसद भवन में सांसदों की उपस्थित बढ़ेगी ।यदि क्षेत्र का दौरा करना हो तो सरकार को पत्र लिख कर गाड़ी माँगे व पूरा ब्यौरा सरकार को प्रेषित करें,इससे पारदर्शिता बढ़ेगी । गाड़ियों की खपत कम होगी पेट्रोल भी बचेगा।
इस तरह जो लोग कमाई करने अपना व अपने मित्रों को लाभ पहुँचाने के उद्देश्य से इस क्षेत्र में आते हैं उनका आना बंद हो जायेगा।स्वच्छ व ईमानदार छवि वाले लोग इस क्षेत्र मे आयेंगें और देश की उन्नति होगी ।

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